सतीश पाल ने आरोप लगाया कि यह हमले पूर्व सांसद पाठक के समर्थकों द्वारा किए गए थे और उन्हें सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को बाहर करने के लिए वह पार्टी हाईकमान से मिलेंगे।
वहीं, पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि उनका सतीश पाल से कोई लेना-देना नहीं है। उनका मानना है कि सतीश पाल की बिरादरी के लोग ही उनके खिलाफ हैं और उनका समाज के भीतर एक जातीय संगठन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, छिबरामऊ के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बादाम पाल ने भी सतीश पाल पर आरोप लगाए कि उन्होंने अपने भाषण में उनके परिवार और समाज के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की थी, जिससे गांव में विवाद हुआ। बादाम पाल ने दावा किया कि इस घटना में कोई मारपीट या धमकी नहीं हुई थी।
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