राहुल गांधी के इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया। भाजपा ने राहुल पर आरोप लगाया कि उनका हर बयान देश को तोड़ने की दिशा में होता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया है कि वह भारत के खिलाफ लड़ाई छेड़े हुए हैं। उन्होंने राहुल के कनेक्शन को अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस से जोड़ते हुए कहा कि वह भारत विरोधी शक्तियों के पक्ष में काम कर रहे हैं।
नड्डा ने आगे कहा, "कांग्रेस का इतिहास यह साबित करता है कि वह हमेशा भारत को कमजोर करने वाली ताकतों को बढ़ावा देती रही है। राहुल गांधी और उनके समर्थक अर्बन नक्सल और डीप स्टेट के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाया, "राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता संविधान की प्रति लेकर क्यों चलते हैं, अगर उनकी लड़ाई भारत के खिलाफ है?"
भाजपा नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम को राहुल गांधी के मानसिक असंतुलन या जॉर्ज सोरोस के टूलकिट से जोड़ते हुए देशद्रोही करार दिया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "राहुल गांधी को गंभीर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। यह मानसिक असंतुलन है या सोरोस टूलकिट?"
भा.ज.पा. प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी के बयान को देश के नागरिकों के लिए आहत करने वाला बताते हुए इसे राष्ट्र विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान साबित करता है कि वह भारत की अखंडता और एकता के खिलाफ हैं।
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