खिलाड़ियों की मांगें:
खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री के सामने प्रमुख रूप से 18 प्रतिशत जीएसटी को खेल एकेडमियों से हटाने की मांग की, जिससे उन्हें किट खरीदने में आसानी हो सके। इसके अलावा, खिलाड़ियों ने सुझाव दिया कि राज्य में हर गांव में एथलेटिक ट्रैक और खेल मैदान बनाए जाएं। साथ ही, कोचों की कमी को पूरा करने के लिए कोचों की नियुक्ति की जाए। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को "खेलो इंडिया" की तर्ज पर खेल आयोजन करने चाहिए और खेल मैदानों को अन्य प्रदेशों की तरह सुविधाजनक बनाना चाहिए।
खिलाड़ियों ने अर्जुन पुरस्कार विजेताओं को पेंशन देने की राज्य सरकार की घोषणा पर भी चिंता जताई, क्योंकि उन्हें अन्य जगह से पेंशन मिलने के कारण राज्य सरकार की पेंशन नहीं मिल रही है। इसके अलावा, ग्रास रूट लेवल से खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए हर गांव में खेल मैदान बनाने की बात की गई। खिलाड़ियों ने यह भी मांग की कि खेल विभाग या क्रीड़ा परिषद में आउट ऑफ टर्न में भर्ती किए गए खिलाड़ियों को नौकरी दी जाए और वन विभाग में नियुक्त इंटरनेशनल खिलाड़ियों का प्रोबेशन समय पर खत्म किया जाए।
महिलाओं की मांगें:
महिलाओं ने अपनी सुरक्षा को लेकर बजट में विशेष प्रस्ताव रखने की मांग की। उन्होंने आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन की आवश्यकता बताई और साथ ही बालिकाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की मांग की। महिलाओं ने बढ़ते ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाने की भी अपील की और कार्यस्थलों पर बढ़ते शोषण को रोकने के लिए टास्क फोर्स की सिफारिश की।
युवाओं की मांगें:
युवाओं ने नशे की समस्या से बचाव के लिए कदम उठाने की मांग की। इसके अलावा, उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता जताई गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार युवाओं, महिलाओं और खिलाड़ियों के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
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