राजस्थान में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के लिए एडवाइजरी जारी, सख्त कार्रवाई के निर्देश


राजस्थान सरकार ने मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी को लेकर एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में विशेष रूप से उस मांझे पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है जो नायलॉन या अन्य सिंथेटिक सामग्री से बना है, साथ ही उन पर लोहे या कांच के पाउडर की कोटिंग भी न हो। यह कदम राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

सरकार ने बताया कि बिजली के तारों के संपर्क में आने पर धातुओं से बने मांझे से विद्युत प्रवाह हो सकता है, जिससे पतंग उड़ाने वालों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है और साथ ही बिजली सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए, इस तरह के मांझों पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाएगा।

पशुपालन विभाग ने पक्षियों और आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि तेज धारदार, नायलॉन या सिंथेटिक सामग्री से बने मांझों से पशु और पक्षी घायल न हों। डॉ. समित शर्मा, शासन सचिव, ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस प्रतिबंध की पूरी अनुपालना सुनिश्चित करें।

इसके अलावा, घायल पक्षियों के इलाज के लिए मकर संक्रांति के दौरान विशेष चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। पशुपालन विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं और पक्षी प्रेमियों के माध्यम से यह शिविर लगाए जाएंगे, और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे ताकि घायल पक्षियों को सही समय पर इलाज मिल सके।

इस पहल का उद्देश्य मकर संक्रांति के दौरान होने वाली पतंगबाजी के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और पर्यावरण एवं जीव-जंतुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।





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