सुप्रीम कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर विभाजनपूर्ण निर्णय सुनाया। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने याचिका खारिज करते हुए हुसैन के दंगों में अहम भूमिका का उल्लेख किया, जबकि न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने उनकी लंबी जेल अवधि और चुनाव प्रचार के लिए सीमित समय को ध्यान में रखते हुए याचिका स्वीकार की। अब यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के पास भेजा जाएगा, जहां नई पीठ का गठन किया जाएगा।
हुसैन, जो मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, ने चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग की थी। वह दिल्ली दंगों से जुड़े 11 मामलों में आरोपी हैं, जिसमें आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप भी शामिल है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले चुनाव नामांकन के लिए उन्हें कस्टडी पैरोल दी थी, लेकिन अब चुनाव प्रचार के लिए जमानत की याचिका का विरोध किया गया था।
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