किसान आंदोलन: दिल्ली मार्च की ओर बढ़ते किसान, जानें उनकी प्रमुख मांगें

किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर हैं। आज शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का दिल्ली मार्च रोक दिया गया। किसानों का जत्था जो दिल्ली की ओर पैदल मार्च कर रहा था, उसे कुछ मीटर बाद ही रोक लिया गया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने की अपील की है, और अंबाला जिले में भी पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में किसान अपनी आवाज़ उठाने के लिए पूरी ताकत से अड़े हुए हैं।

आइये जानते हैं, आखिर किसानों की प्रमुख मांगें क्या हैं जो उन्हें सरकार से चाहिए:

किसानों की प्रमुख मांगें:

  1. MSP गारंटी को कानून में बदला जाए
    किसान चाहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी अधिकार बनाया जाए, ताकि उनकी फसलें हमेशा सही मूल्य पर बिक सकें।

  2. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कीमत तय की जाए
    किसान मांग कर रहे हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसलों की कीमतों को निर्धारित किया जाए, जो उनके लिए न्यायपूर्ण हो।

  3. किसानों का कर्ज माफ हो
    कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के लिए कर्ज माफी की मांग की जा रही है, ताकि वे अपनी खेती को फिर से उबार सकें।

  4. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो
    किसान भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी भूमि पर जबरन कब्जा न हो।

  5. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए
    यह विधेयक किसानों के लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए इसे रद्द करने की मांग की जा रही है।

  6. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा मिले
    किसानों ने लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के लिए न्याय की मांग की है और दोषियों को कड़ी सजा देने की अपील की है।

  7. आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार को मुआवजा मिले
    किसानों का यह भी कहना है कि जो किसान आंदोलन में शहीद हुए हैं, उनके परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।


कृषि मंत्री का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में किसानों को आश्वासन दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार सभी कृषि उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2019 से किसानों को उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत अधिक लाभ देने का फैसला लिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार ने धान, गेहूं, ज्वार, और सोयाबीन जैसी फसलों को तीन साल पहले से ही उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य पर खरीदा है।

किसान आंदोलन का प्रभाव

किसानों का यह आंदोलन पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। उनके लिए यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि अपने हक की लड़ाई है। अब यह देखना होगा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत किस दिशा में जाती है और क्या उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाता है।

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